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मंत्री राम खेलावन पटेल की पत्नी के नाम रही करोड़ों रुपए की जमीन सरकारी घोषित

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प्रदेश में अब सरकारी जमीनों की बन्दर बाँट पर शासन ने सख्ती अपनानी अब शुरू कर दी है। वही पेंडिग पड़े मामलो में भी फुर्ती के साथ मामलों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए है। जिससे प्रदेश में सरकारी जमीनों को गैर तरीके से किये अवैध कब्जाधारियों में हड़कंप की स्थिति है।

इसी तरह एक मामले में कमिश्नर की अदालत ने मुहर लगा करोडो की जमीन को सरकारी घोषित कर दी है ये जमीं प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल की पत्नी के नाम होने का बताया जा रहा है। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार  दरअसल ये जमींन   फर्जीवाड़ा कर एडवोकेट गोकर्ण प्रसाद त्रिपाठी ने पहले अपने नाम कर ली थी। और फिर अपनी पत्नी सौभाग्य देवी, बेटे अशोक त्रिपाठी और चचेरे भाई परमेश्वर प्रसाद त्रिपाठी के नाम दर्ज करा लिया था। बताया जा रहा है कि परमेश्वर के नाम आराजी नंबर 154/2 गोकर्ण के नाम होने के 3 दिन बाद दर्ज हुई थी। बाद में इन सरकारी जमीनों को बेच भी दिया था। इसी में से आराजी नंबर 158/2 को पंचायत राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल ने अपनी पत्नी ऊषा किरण पटेल के नाम पर खरीद लिया था। जो राजस्व अभिलेखों में आराजी नंबर 158/2/2 के तौर पर दर्ज हुई। अब इसे सरकारी घोषित कर दिया गया है। जिसकी कीमत करोडो में है।

बता दे की इस  जमीन का विवाद पहले कई सालों से चल रहा है। जिसे  सरकारी किए जाने का आदेश पहले ही अमरपाटन तहसीलदार ने भी दिये  थे । अब  इस आदेश पर रीवा कमिश्नर की अदालत ने भी मुहर लगा दी है।

रीवा संभाग कमिश्नर अनिल सुचारी की अदालत ने अमरपाटन तहसील के उमराही मथुरियान की आराजी नंबर 179 रकबा 1.70 एकड़, आराजी नंबर 154/2 रकबा 0.28 डिसमिल और आराजी नंबर 158/2 रकबा 0.28 डिसमिल को राजस्व अभिलेखों में दोबारा शासकीय दर्ज करने का आदेश पारित किया है। आराजियां वर्ष 1958- 59 के राजस्व रिकॉर्डों में मप्र शासन के स्वामित्व में दर्ज थीं।

वही मंत्री रामखेलावन पटेल का इस मामले में कहना है कि जो जमीन उन्होंने खरीदी थी वे उनकी पत्नी के नाम पर है इस जमीन को लेकर सिविल कोर्ट, डीजे कोर्ट और हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। विरोधी पक्ष सुप्रीम कोर्ट भी गया था। जमीन पर कमिश्नर के फैसले में उनका नाम कैसे आया, इसका पता कर रहे हैं। खसरा नक्शा सुधार में कुछ बातें सामने आई है जिसकी जानकारी ले रहे हैं।

बता दे की पैसा एक्ट लागू होने  से ग्रामीण क्षेत्रों में भी सरकारी जमीनों पर हुए कब्जों के मामलों में बढ़ौतरी आएगी। और जमीनों से सालों से पड़े पेंडिंग मामलों की सुनवाई के अधिकार भी ग्राम पंचायतो के पास होंगे ऐसे में फर्जीवाड़ा कर जमीनों की खरीद फरोख्त करने वालों की नींद उडी है।