कांग्रेस में घमासान-पार्षदों ने अधिकारियों पर लगाया गोपनीयता भंग करने का आरोप
ब्यूरो रिपोर्ट सारनी
नगर पालिका सारनी के पालिका परिषद् अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के बाद कांग्रेस में उठा पटक मची है। मामला तीन वोट के निरस्तीकरण का है। बता दे की नव निर्वाचित 36 वार्डो से सभी 36 पार्षद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के मतदान हेतु कक्ष में उपस्थित थे। जिसमे बीजेपी से निर्वाचित पार्षद प्रस्तावित अध्यक्ष किशोर बरडे के पक्ष में 23 , कांग्रेस के समर्थित निर्दलीय पार्षद मनोज डेहरिया के पक्ष में 11 और 3 वोट निरस्त किये गए थे। अब जो बवाल है वो 3 वोटों को लेकर है। और ये वोट किसके है ये गोपनीय है। ऐसे में संदेह के आधार पर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। विगत दिन पूर्व सारनी के एक सरकारी रेस्ट हाउस में इसी मामले को ले कर गरमागरम बहस भी हुई। सूत्र बताते है की जिसमे तीन निर्वाचित पार्षदों को पार्टी से निष्काषित करने तक की बात सामने आई। फिर मीडिया को देख बैठक तीतर बितर हो गई। जिसके बाद अब पार्षद महेंद्र भारती , पार्षद मोहम्मद ताहिर अंसारी औरसुखदेव वामनकर ने वोटो के निरस्तीकरण के बाद गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाते हुए सम्बंधित अधिकारियों की भूमिका की जाँच और कारवाही की मांग की है। उनका कहना है कि जब मतदान गोपनीय हुआ है। तो ऐसे कैसे कहा जा सकता है की जो वोट निरस्त हुए है। वे उन्ही के है। अधिकारियों द्वारा समाचार प्रकाशित कर उनकी छबि धूमिल की जा रही है। वही जानकारी मिली है की सम्बंधित समाचार पत्र के स्थानीय संवाददाता को भी लीगल नोटिस जारी किया गया है। जबकि संवाददाता ने कहा है की उनके द्वारा ऐसा कोई शब्द प्रकाशन हेतु नहीं दिया गया। लेकिन त्रुटि वश कोई शब्द प्रकाशित हुआ है तो खेद व्यक्त करते है। हमारा उदेश्य किसी की भावनाओं को ठेस पंहुचाने या प्रतिष्ठा धूमिल करने का नहीं है। जिसका संशोधन भी समाचार पत्र में दूसरे दिन प्रकाशित किया गया है।
हालांकि मामला जो भी हो लेकिन आने वाला समय विधानसभा चुनाव का है ऐसे में कांग्रेस को एक जुट होने की आवश्यकता है। बीती बातों को भुला विपक्ष की मजबूत भूमिका निभानी होगी। ताकि सत्तापक्ष पर पैनी नज़र रख क्षेत्र की जनता का विश्वास जीतने का पुनः प्रयास कर सके।