प्रदेश में रुक रुक कर वर्षा का सिलसिला

भोपाल । अलगअलग स्थानों पर अभी भी तीन मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। इनके प्रभाव से प्रदेश में रुकरुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। इसी क्रम में मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मलाजखंड में 53, सतना में 11, रीवा में नौ, खंडवा में सात, जबलपुर में 4.9, धार में चार, सागर में दो, मंडला में दो, बैतूल में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार से आधे मध्य प्रदेश में मौसम धीरेधीरे साफ होने लगेगा। हालांकि अभी दो दिन तक रीवा, सागर, जबलपुर एवं शहडोल संभाग के जिलों में रुकरुककर वर्षा होने का सिलसिला बना रह सकता है। उधर भोपाल में इस वर्ष अक्टूबर में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 136.7 मिमी. वर्षा हो चुकी है। जो 10 वर्ष में सबसे अधिक है।
मौसम विज्ञान केंद्र सेे मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पंजाब पर हवा के ऊपरी भाग मेें एक चक्रवात बना हुआ है। केरल से लेकर दक्षिणपश्चिम मध्य प्रदेश तक एक ट्रफ लाइन बनी है। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ ट्रफ के रूप में बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि केरल से लेकर दक्षिणपश्चिम मध्य प्रदेश तक बनी ट्रफ लाइन के कारण नमी आने से मध्य प्रदेश में रुकरुककर वर्षा हो रही है।
बुधवार से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में बादल छंटने लगेंगे। मौसम धीरेधीरे साफ होने की संभावना है, लेकिन रीवा, सागर, जबलपुर एवं शहडोल संभाग के जिलों में रुकरुक कर वर्षा होगी। इस दौरान कहींकहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। उधर अब बंगाल की खाड़ी में किसी नई मौसम प्रणाली के बनने की संभावना नहीं दिख रही है। इसके चलते एक सप्ताह में मानसून की विदाई का सिलसिला भी शुरू हो सकता है।