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अद्भुत है सारनी -25 वर्षो से हो रहे आयोजन को जीवंत रखा युवाओं ने

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सारनी से ,राम क्रेश हनोते की रिपोर्ट

सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का ख़ास महत्त्व है। इस  दिन घर में खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने की परंपरा है।  इसके पीछे मान्यता है कि खीर में चंद्रमा की किरणें पड़ने से ये गुणकारी होती है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के बेहद निकट होता है और चंद्रमा की 16 कलाओं की आभा पृथ्वी के प्रत्येक जीव को प्रभावित करती है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात धन की देवी लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इसी इसी परम्परा को विगत 25 वर्षो से विद्युत नगरी सारनी में जीवंत बनाये रखे युवाओं से हमारे संवाददाता ने खास चर्चा की।

बता दे की पावर जनरेटिंग कपनी की  जी टाइप कालोनी में विगत 25 वर्षो से साहू जी के द्वारा स्वांस रोगों को दूर करने आज के दिन काढ़े का वितरण किया जाता था। किन्तु कोरोना की वजह से यह आयोजन विगत दो वर्षो से नहीं हो पाया।  साहू जी भी दूसरे शहर में रहने चले गए। किन्तु उत्कल घासी समाज के मंदिर प्रांगण में आज भी ये आयोजन जारी है।