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चमत्कारिक कुंड – कई वर्षो से माँ ताप्ती यहाँ अविरल गौमुख से दो धाराओं में निकल रही

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 राजेश साबले की रिपोर्ट एससीएन न्यूज इंडिया 

प्राचीन काल से भारत भूमि कृषि प्रधान होने के साथ-साथ ऋषि प्रधान भी रही है। यंत्र तंत्र, कहीं ना कहीं  किसी न किसी ऋषि मुनि का चमत्कार प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देता है। इसी प्रकार हरदा जिले के ग्राम भादू गांव  गंजाल में बाबा बनखंडी का प्रत्यक्ष चमत्कार, ताप्ती स्रोत गौमुख दिखाई देता है। गोमुख धारा के प्रकृति के विषय में जानने की, प्रबल इच्छा लोगों के मन में सदैव रहती है। श्री जगदगुरू श्री रामानंद चार्य जी ने बताया कि गौमुख की धारा कई वर्षो से यथावत निरंतर एक समान प्रवाहित हो रही है। जो ना तो वर्षा काल में बढ़ती है। और ना ही गर्मी में घटती है। बड़े आश्चर्य की बात है कि  तवा नहर गौमुख के नजदीक से ही बह रही है।  किंतु फिर भी गोमुख की धारा में कोई अंतर नहीं आता । जबकि तवा नहर के कारण आसपास के जल स्रोतों में  मौसम के अनुसार  पानी का स्तर बढ़ता घटता रहता है। कई स्थानों पर तो नए स्रोत खुल गए हैं। किंतु गोमुख का जल  एक समान  सतत निर्मलता से ही बहता रहता है। उसके रंग और अनमोल स्वाद में कोई परिवर्तन नहीं होता है। पूज्य बनखंडी बाबा के बाद, श्री बीरम दास जी महाराज ने आश्रम का संचालन किया। उसके बाद उन्हीं के शिष्य  रणछोड़ दास जी ने आश्रम की व्यवस्था देखी । ऐसा माना जाता हैकि  बनखंडी बाबा महान तपस्वी एवं सिद्ध पुरुष थे। जिन्होंने मां ताप्ती की उपासना कर , सौ किलोमीटर दूर घोगरा से  अपने तपोबल से माँ ताप्ती जी को अपने आश्रम में बुला लिया था। और जब से माँ ताप्ती यहाँ अविरल गौमुख से दो धाराओं में निकल रही है। वर्तमान में, श्री सुखराम दास जी की समाधि स्थल पर प्रतिवर्ष चैत्र बदी नवमी को, यज्ञ का आयोजन होता है। जिसमें पटेल श्री हजारीलाल एवं सेठ श्री चंपालाल का  विशेष रूचि के साथ योगदान रहता हैं। ग्रामवासी बहुत उमंग और श्रद्धा से इस यज्ञ में भाग लेते हैं। बाबा सुखराम दास जी ने रामपुर गोकुलपुरा में अपने तपोबल से एक गर्म एवं एक ठंडे जल का कुंड बनाया है। जो आज भी कन्नौद आष्टा मार्ग पर विद्यमान है।