अनियमितता का पर्याय बना शासकीय प्राथमिक विद्यालय आमाडाडी
दिवाकर पांडेय
सतना जिले के मैहर तहसील शासकीय प्राथमिक विद्यालय आमाडाडी ग्रामीण गांव में स्कूल है जो कि 20 या 25, बच्चे पढ़ते हैं उसमें भी शिक्षक ध्यान नहीं दे रहे हैं। पढ़ाने के अलावा शाला में भी कई विसंगतियां है। स्कूल में चारों तरफ पानी टपक रहा है। छत टूटी फूटी है। और स्कूल के चारों तरफ लकड़ी रखी हुई है।
जिनमे सांप बिच्छू , कीड़े भी आते जाते हैं। कब बच्चों को काट दे, क्या हो जाए कोई गारंटी नहीं है।वही मध्यान भोजन भी भगवान् भरोसे है। स्कूल में मेनू के हिसाब से खाना भी नहीं बनता ,एक हफ्ता में 4 दिन 5 दिन बनता है 2 दिन 3 दिन बंद रहता है। लेकिन शिक्षको को इससे कोई लेने देना नहीं है। खाने की शिकायत नहीं करते ऑनलाइन नरेंद्र त्रिपाठी शिक्षा अधिकारी के पास नहीं भेजते हैं। कब क्या खाना बनता है।
और बच्चे को खाने के लिए थाली भी नहीं है। पीने के लिए पानी भी नहीं है। लाइट का व्यवस्था भी नहीं है। आने जाने के लिए रास्ता भी नहीं है। स्कूल के चारो तरफ गंदगी है , बाथरूम में चारा जमा हुआ है। टायलेट खराब पड़ा हुआ है। और 2 साल से स्कूल की दीवारों की पुताई भी नहीं हुई।