बैतूल

सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी नितांंत आवश्यक : भारत तिवारी नीदरलैंड से बैतूल पधारे अतिथियों ने दिया आदिवासी छात्रों को मार्गदर्शन

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राजेश साबले  जिला ब्यूरो 

बैतूल। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर रविवार 14 अगस्त की शाम 4:30 बजे सीनियर जनजाति उत्कृष्ट बालक छात्रावास गुरूदारा रोड बैतूल में नीदरलैंड से बैतूल पधारे सॉफ्टवेयर इंजीनियर भारत तिवारी एव उनकी धर्मपत्नी श्रीमति प्रतिमा दीक्षित द्वारा छात्रों को मोटीवेशनल स्पीच एवं कैरियर मार्गदर्शन दिया गया। उन्होंने आदिवासी छात्रों को भारतीय शिक्षा पद्धति एवं यूरोपियन शिक्षा पद्धति के बीच के अंतर को बारीकी से समझाते हुए बताया कि विकसित देशों के समान भारत में भी सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक शिक्षा पर भी बल दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर श्रीमति
प्रतिमा दीक्षित ने बताया कि नीदरलैंड, जो कि हमारे प्रदेश मध्यप्रदेश से भी जनसंख्या एवं क्षैत्रफल के दृष्टिकोण से छोटा है, यह देश हमारे यहां के लगभग चार-पांच जिलों के बराबर का पूरा एक देश है, वहां शिक्षा पर बहुत जोर दिया जाता है। वहां साक्षरता शत-प्रतिशत ही रहती है। किताबी ज्ञान के अलावा वहां छात्र-छात्राओं को शारीरिक शिक्षा एवं खेल गतिविधियों से भी जोड़ा जाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत में सर्वप्रथम सीनियर जनजाति उत्कृष्ट बालक छात्रावास के अधीक्षक राजेश दीक्षित द्वारा अतिथिगण भारत तिवारी, प्रतिमा दीक्षित एवं उनके पुत्र आवान प्रभात तिवारी एवं वरिष्ठ पत्रकार संजय द्विवेदी का पुष्पगुच्छ से स्वागत-सम्मान किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संजय द्विवेदी ने आदिवासी छात्रों को सम्बोधित करते हुए बताया कि आज हमारा देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आज इस अवसर पर यह हम सभी के लिए बड़ी खुशी की बात है कि हमारे बीच नीदरलैंड से पधारे अतिथियों द्वारा कैरियर मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
उन्होंंने कहा कि जैसा कि श्री तिवारी ने अपने सम्बोधन में समझाया कि आज छात्रों को सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान की भी नितांंत आवश्यकता है। इसके अलावा मानसिक विकास के लिए आध्यात्मिक शिक्षा/ योग के माध्यम से वे अपना सर्वागीण विकास कर सकते है। उन्होंने वहां मौजूद छात्रों से कहा कि नीदरलैंड में पढ़ रहे हमारे बीच आए छात्र आवान प्रभात से आपको हमारे देश की शिक्षा प्रणाली एवं यूरोपियन देशों की शिक्षा प्रणाली के अंतर को समझना होगा, तभी आप हमारी शिक्षा प्रणाली की खामियां को जान पाएंगे, और हमें इसे दूर करने का प्रयास भी करना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर छात्रावास के अधीक्षक राजेश दीक्षित द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त कर स्वल्पाहार करवाया गया।