गर्भवती महिला को खाट पर नदी पार करते ग्रामीण
आठनेर से भरत साहू की रिपोर्ट
आजाद भारत की यह तश्वीर, आज भी आदिवासी बहुल में विकास कोसों दूर
कुछ ही दिनों में हम आजादी की वर्षगांठ मनाएंगे आजाद भारत के 75 वर्ष बाद भी हम मूलभूत सुविधा के लिए तड़प रहे है फिर किस काम का हमारा आज़ादी का अमृत महोत्सव पूरा देश वर्षगांठ बना रहा है। बात दरअसल बैतूल ज़िले के विकासखंड शाहपुर के क्षेत्र की है बारिश से नदी नाले उफान पर है और गाव के प्रमुख रास्ते की नदी उफना रही थी उसी समय एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी।ग्रामीण द्वारा अस्पताल ले जाने के लिए नदी पार करना था। एक मात्र रास्ता होने से बेबस ग्रामीणों ने गर्भवति महिला को खाट पर लीटाकर नदि पार कराई। ग्रामीणों ने खुद की जान और गर्भवति की जान खतरे में डाली नदी पार कर डाली , उन्ही के प्रयास से गर्भवती और उसके नवजात को बचा लिया।
यह मामला शाहपुर विकासखंड के
पावरझंडा ग्राम पंचायत के जामुनढाना गाँव का है रूपेश टेकाम की पत्नी मयंती गर्भवती थी।उसे बुधवार शाम प्रसव पीड़ा होने लगी रूपेश ने अस्पताल ले जाने के लिए गांव के दोस्तों से मदद मांगी। ग्रामीणों ने मयंती को खाट पर लिटाया जान की परवाह किए बिना उफनती नदी में सभी लोग उतर गए।
अंतत: इतनी मेहनत के बाद तीन किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचे तब जाकर वाहन मिला वे लोग शाहपुर के लिए निकले,
माचना नदी उफान पर होने के कारण वे लोग भौंरा के शासकीय अस्पताल ले गए। वहाँ गर्भवति को भर्ती कराया। स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार शाम महिला ने बच्ची को जन्म दिया। दोनो जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ है
बरहाल मामला जो भी हो लेकिन विकास के दावे खोखले नज़र आ रहे हैं वायरल विडियो पर क्षेत्र विधायक और सांसद की खुब किर किरी हो रही हमेशा चुनाव में ग्रामीणों द्वारा पुल बनाने की मांग की जाती है और जनप्रतिनिधि द्वारा आश्वासन दिया जाता है लेकिन आज तक इस ग्राम की समस्या कोई हल नहीं कर पाया और नहीं प्रसाशन ने कोई जहमत उठाई