बैतूल

संगीत ही ईश्वर का कराता है साक्षात्कार : प्रो.के के चौबे

Scn news india

राजेश साबले जिला ब्यूरो 

  • संगीत ही ईश्वर का कराता है साक्षात्कार : प्रो.के के चौबे
  •  संस्कृति बचाना हमारा प्रथम कर्तव्य: ऊषा द्विवेदी
  •  बैतूल संस्कार भारती की वार्षिक साधारण सभा आयोजित
  •  श्यामराव मस्की पुनः बने अध्यक्ष, कार्यकारिणी की घोषणा
बैतूल। बैतूल संस्कार भारती द्वारा मंगलवार को सिविल लाइन स्थित विनायक शिशु मंदिर में वार्षिक साधारण सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जेएच महाविद्यालय सेवानिवृत्त प्रो.केके चौबे, पूर्व विभाग अध्यक्ष जीव विज्ञान जेएच कॉलेज ऊषा द्विवेदी, प्रो.हेमन्त देशपाण्डे, पूर्व निदेशक आकाशवाणी विद्यावती निर्गुडकर मंचासीन रहे। सर्वप्रथम अतिथियों ने भगवान नटराज एवं भारत माता का पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। संस्था के प्रान्त सहमहामंत्री एमएल कुशवाह ने समस्त अतिथियों का परिचय कराया तथा संस्कार भारती ने अतिथियों का शाॅल एवं श्रीफल द्वारा अभिवादन किया। इसके बाद ध्येयगीत तथा अनहद संगीत विद्यालय के संचालक दिलीप रावत तथा शिष्य आदलिक विश्वास, लाव्यांश माण्डवे, सौरभ चैकीकर ने राग मेघा का शानदार प्रस्तुति देकर सभा को भाव-विभोर कर दिया। इस गायन की संगत भगतसिंह खालसा तथा हिमांशु निरापुरे ने की। साथ ही गुरू सम्मान भी किया गया। साधारण सभा का वार्षिक वृत्त दीपक वर्मा, यश कुशवाह तथा वार्षिक लेखावृत्त संतोष प्रजापति, प्रताप धुर्वे के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
–प्रबंध कार्यकारिणी तथा विधा संयोजकों की घोषणा–
अध्यक्ष श्यामराव मस्की ने अपने कार्यकाल का वृत्त कथन किया तथा कार्यकाल पूर्ण होने पर वे मंच छोड़कर सभा में जाकर बैठे गए। चुनाव अधिकारी एमएल कुशवाह द्वारा चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ कर नवीन अध्यक्ष हेतु नाम आमंत्रित किए। तब श्याम टेकपुरे द्वारा पुनः श्यामराव मस्की का नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन उत्तमराव ठाकरे एवं संतोष प्रजापति द्वारा किया गया। चुनाव अधिकारी द्वारा कुछ ओर समय दिया गया, परन्तु अन्य किसी का नाम प्रस्तावित नहीं होने पर पुनः श्यामराव मस्की को संस्कार भारती बैतूल इकाई का अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। इस मौके पर नव निर्वाचित अध्यक्ष ने अपनी प्रबंध कार्यकारिणी तथा विधा संयोजकों की घोषणा की, जिसमें प्रमोद वर्मा संरक्षक, श्यामराव मस्की अध्यक्ष, योगेन्द्रसिंह ठाकुर कार्यकारी अध्यक्ष, मीनाक्षी दीक्षित, मनीष शर्मा, शुभ्रा केसरवानी उपाध्यक्ष, दीपक वर्मा महामंत्री, यश कुशवाह सहमहामंत्री, प्रवीण धुर्वे, पुष्पालता बारंगे, मनीष चौहान मंत्री, संतोष प्रजापति कोषाध्यक्ष के रूप में शामिल किया गया। इसके अलावा संस्कार भारती में 8 विधाओं में संगीत गायन वादान दिलीप रावत, दिनेश खाण्डेकर, नाट्य बालकराम यादव, चित्रकला श्याम टेकपुरे, हर्षल नखाते, भू अलंकरण कल्पना सोनी, पुरातत्व पवन मेहरा, साहित्य राघवेन्द्र सिसोदिया, अनुपम त्रिपाठी, दृृश्य-श्रव्य पुनीत भारती, सतीश कुमार वर्मा, लोककला प्रताप धुर्वे को बनाया गया।
–संस्कृति बचाना हमारा प्रथम कर्तव्य: ऊषा द्विवेदी–
अतिथि संबोधन में सुश्री ऊषा द्विवेदी ने कहा, सेकुलर का अर्थ यह नहीं है कि हम अपनी संस्कृृति न बचायें, संस्कृति बचाना यह हमारा प्रथम कर्तव्य हैं। अतिथि प्रोफेसर केके चौबे ने कहा संगीत ईश्वर का साक्षात्कार कराता है अतः संगीत ही शिव है। अतिथि प्रोफेसर हेमन्त देशपांडे ने कहा कि साकला या विमुक्तये अर्थात् ऐसी कला जो मुक्ती प्रदान करे या कला के माध्यम से मुक्ती को प्राप्त किया जा सकती हैं। अन्त में संस्कार भारती के प्रान्त सह महामंत्री ने कहा कि आठ विद्याओं के द्वारा संगठन हमारी संस्कृृति को संजोने और सवांरने में लगा हैं। विगत् 500 वर्षों में संस्कृृति छिन्न भिन्न हुई है उसे हम पुनः स्थापित करेंगे हमें पूर्ण विश्वास हैं। कार्यक्रम में सारनी, बैतूल के अतिरिक्त अन्य तहसीलों के कार्यकत्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को संचालन योगेन्द्र ठाकुर एवं पुनीत भारती एवं आभार उत्तमराव ठाकरे ने व्यक्त किया।