बैतूल

आदिवासी समाज से ही बनेगा जिला पंचायत अध्यक्ष …..?

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राजेश साबले जिला ब्यूरो 

एस सी एन न्यूज़ की अंदरूनी पड़ताल के बाद  हमने बताया  था  कि आदिवासी समाज से होगा  जिला पंचायत अध्यक्ष होगा…. जिसकी चर्चा अब खुलकर अब मिडिया  में होने लगी है और यह चर्चा अब और भी जोर पकड़ने लगी है। सूत्रों की माने तो 2 राजाओं की लड़ाई में तीसरे का फायदा होने वाला है। जो कि आदिवासी समाज से होगा।   यह अंदर की बात है जयस अपने पत्ते ऐन वक्त पर खोलेगा  जो सबको सकते में डाल सकता  हैं। आदिवासी संगठन ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है अब उन्हें किसी पार्टी विशेष से कोई लेना देना नहीं है ,वह चाहते हैं कि सिर्फ और सिर्फ आदिवासी समाज का जिले में बोलबाला रहे , और हो भी क्यों ना।

विशेष सूत्रों के अनुसार जिले के  सांसद अंदरूनी तौर पर इस संगठन को मदद कर रहे हैं जिस तरह की बात उभर कर आ रही है उससे तो ऐसा ही लगता है कि जल्द ही आदिवासी समाज से किसी की ताजपोशी होगी। सूत्रों के अनुसार जिस तरह जयस और अन्य आदिवासी संगठन अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं और सभी आदिवासी जिला पंचायत सदस्य से मिलकर जो योजना बनाई वह लोगों को अचंभे में डाल देंगी।  अभी राजनीतिक गलियारों में हर सदस्य को 2000000 रुपए देने की चर्चा जोरों पर हैं लेकिन इन सबसे हटकर आदिवासी समाज मुफ्त में अपना वोट आदिवासी समाज को देंगे। उन्होंने तय कर लिया है कि हम बिकेंगे नहीं नही।  आदिवासी समाज का कोई भी सदस्य बिकेगा नहीं। जयस के  एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आदिवासी समाज का जो भी जिलाध्यक्ष जिला पंचायत का बनेगा उसे ₹100 भी खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम अभी कौन जिला पंचायत अध्यक्ष बनेगा उनके नाम का खुलासा भी नहीं कर सकते ,लेकिन तय है जो भी जिलाध्यक्ष होगा वह आदिवासी समाज से ही होगा।

जिला पंचायत के सभी क्षेत्रों में चुनाव समाप्त होने के बाद से ही लोगों ने अपने अपने अनुमान लगाकर जिला अध्यक्ष बनने के सपने देख रहे थे और उस हिसाब से जिला पंचायत सदस्य बनने के लिए लाखों रुपए खर्च भी किए और अब जिला अध्यक्ष बनने के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं लेकिन यह सिर्फ सपने ही देख रहे हैं इन के सपनों को आदिवासी समाज जल्द ही चकना चूर कर देंगे। यह तो राजनीति है इसमें कुछ भी हो सकता है राजनीति तो खेल ही है शह और मात का ? सूत्रों के अनुसार आदिवासी समाज का जिला अध्यक्ष बनाने में कई सरकारी कर्मचारी भी अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं , इसमें कोई डॉक्टर है कोई शिक्षक है कोई पुलिस विभाग से हैं।  यह सभी ने अपने अपने स्तर पर कार्य किया है जो सिर्फ जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर आदिवासी को देखना चाहता है उन्होंने बताया कि आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचार का कोई भी संगठन आदिवासी का साथ नहीं देता इसलिए हमें ऐसा करना पड़ रहा है ताकि आदिवासी समाज की आवाज को कोई दवा ना सके जय सेवा कह कर अपनी बात खत्म कर दी।