3 दिन तक जारी रहेगा झमाझम का दौर, 22 जिलों में भारी बारिश-बिजली गिरने का अलर्ट, जानें अपने शहर का हाल

22 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वही 5 संभागों और 3 जिलों में बिजली गिरने और चमकने की चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक साथ कई सिस्टम के एक्टिव होने के साथ साथ मानसून की सक्रियता भी बढने लगी है, जिसके चलते बारिश का दौर जारी है। नदी नाले उफान पर है और बांधों से पानी छोड़ने से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है, ऐसे में कई गांवों पर बाढ़ का भी खतरा मंडराने लगा है। एमपी मौसम विभाग (MP Weather Department) के अनुसार, 22 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वही 5 संभागों और 3 जिलों में बिजली गिरने और चमकने की चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। अगले दो दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा।
एमपी मौसम विभाग के अनुसार, 23 जिलों में गरज चमक के साथ भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसमें सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग के साथ कटनी, डिंडौरी, जबलपुर,मंडला, बालाघाट, विदिशा, रायसेन और नर्मदापुरम में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वही भोपाल, ग्वालियर, सागर, चंबल, जबलपुर संभाग के साथ धार, बैतूल, नर्मदापुरम में बिजली गिरने और चमकने के आसार है।इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।बुधवार को रीवा, सागर, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं–कहीं भारी वर्षा हो सकती है।
एमपी मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3 दिन के लिए मानसून ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड की ओर शिफ्ट हो गया है, ऐसे में इन इलाकों में अच्छी बारिश होने के आसार है। वही आज 20 जुलाई से 22 जुलाई तक भोपाल, इंदौर और जबलपुर में गरज-चमक साथ हल्की बारिश हो सकती है।लोकल सिस्टम बनने से दो दिन तक इंदौर और आसपास के इलाकों में हल्की वर्षा हो सकती है।यदि गुना-कोटा के बीच बना चक्रवातीय घेरा ग्वालियर-चबंल के ऊपर अ जाता है तो 20 जुलाई को भारी वर्षा भी हो सकती है।
एमपी मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में 4 वेदर सिस्टम एक्टिव है। वर्तमान में पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण (Cyclonic circulation) समुद तल से 3.1 किमी की ऊँचाई तक सक्रिय है, जबकि अन्य चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिणी झारखंड के ऊपर सक्रिय है। वहीं मॉनसून ट्रफ (Monsoon Trough) बीकानेर, जयपुर, गुना से होते हुए सतना, डाल्टनगंज, पुरुलिया, दीघा और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। साथ ही दक्षिणी गुजरात तट से कर्नाटक तट के समांतर अपतटीय ट्रफ विस्तृत है और 20 डिग्री उत्तर अक्षांश के सहारे पठारी क्षेत्र के उत्तरी भाग में मध्य क्षोभमंडल के स्तर पर विरूपक हवाएँ सक्रिय हैं।
कहां कितनी बारिश
ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड में सबसे कम ।
सीधी में 63%, सिंगरौली में 45%, सतना में 54%, रीवा में 56%, टीकमगढ़ में 50%, छतरपुर में 37%, पन्ना में 41%, भिंड में 47,% दतिया में 46%, उमरिया में 31% के अलावा झाबुआ, अलीराजपुर, दमोह, अशोक नगर, शिवपुरी, मुरैना, शहडोल, डिंडोरी में सामान्य से कम बारिश
पिछले 24 घंटे का अलर्ट
बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक खंडवा में 111, खरगोन में 15.6, इंदौर में 12.1, धार में 9.5, दतिया में 7.4, उज्जैन में चार, मंडला में 3.4, नर्मदापुरम में 3.2, रतलाम में दो, मलाजखंड में 0.7, छिंदवाड़ा में 0.6, बैतूल में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई।