आदिवासी बाहुल गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित
राजेश साबले जिला ब्यूरो
जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर बसे ग्राम पीपला आदिवासी बाहुल गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है आज राज्य की सरकार नल जल सुविधा के नाम पर अपना ढिंढोरा पीट रही है कि हर घर नल जल। ….योजना के नाम पर वाहवाही बटोर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है आज भी ग्राम पीपला के निवासी कई किलोमीटर दूर से पानी लाकर अपना जीवन यापन कर रही है।
ग्राम पीपला के रहवासी आज भी बैलगाड़ी से पानी लाने को मजबूर है ग्राम के हर घर में आज आपको बैलगाड़ी के ऊपर टंकी रखी मिल जाएंगे जिससे ग्रामवासी रोज अपने जीवन यापन के लिए पानी लाते हैं गांव की हालत ऐसी है कि आज भी लोग कई सुविधाएं का लाभ ना मिलने के कारण परेशान हैं गांव में सरकार में सुलभ शौचालय तो बनाए हैं लेकिन पानी की व्यवस्था ना होने के कारण अब शौचालय में ग्रामीण लोग के लिए शोपीस बन गए हैं।
कुछ ग्रामीणों ने तो शौचालय की शौच सीट गायब कर वहां बाथरूम बना लिया है। तो कुछ उसमे कचरा जमा कर रहे हैं। ग्राम पीपला के गोलू बारस्कर ,मुन्ना बारस्कर, दामा परते ,गुन्ना चौरेकर आदि ग्रामीणों ने बताया कि गांव की हालत बहुत खराब है आजादी के बाद से यहां पर जितने भी जनप्रतिनिधि आए सभी ने वादे किए और भूल गए ,इस कारण इस आदिवासी बाहुल इलाके में ग्रामीण पानी की बून्द बून्द को तरसते है।
ग्राम में करीब 80 शौचालय बने हैं लेकिन पानी नहीं होने के कारण सारे शौचालय शोपीस बनकर रह गए हैं। ग्राम में प्राथमिक शाला के आसपास भी यही स्थिति देखने को मिलती है। जिले के नजदीक होने के बावजूद भी ग्राम पीपला के वासी पानी को तरस रहे हैं यह हमारे जनप्रतिनिधियों की बहुत बड़ी भूल कहेंगे कि आज भी लोग पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं यह एक सोचनीय है विषय है क्योंकि जब सरकार हर घर नल जल योजना के ढिंढोरा पीट रही है उसके बावजूद ग्राम पीपला के ग्राम वासी अपनी प्यास बुझाने को तरस रहे हैं।