15 राज्य, 24 जिले, 112 गांव में लाडो अभियान ने दी दस्तक
अल्केश साहू
- 15 राज्य, 24 जिले, 112 गांव में लाडो अभियान ने दी दस्तक
- 6 वर्षो में लगभग 3 हजार बेटियों की लगाई नेम प्लेट
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का दिया जा रहा संदेश
बैतूल। मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया। मजरूह सुल्तानपुरी की यह शायरी बैतूल जिले के एक युवा अनिल यादव पहलवान के ऊपर सटीक बैठती है। विगत 6 वर्षों पहले उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देने के लिए बैतूल जिले से बेटी के नाम हो घर की पहचान, लाडो अभियान की शुरुआत की थी। आज यह अभियान 15 राज्य, 24 जिले, 112 गांव में दस्तक दे चुका है। लाडो अभियान के सूत्रधार अनिल यादव ने अभियान के 6 वर्षों में लगभग 3 हजार बेटियों की नेम प्लेट उनके घर पहुंच कर लगाई है। इसके साथ ही लाडो फाउंडेशन टीम द्वारा पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया जा रहा है। लाडो फाउंडेशन का यह कार्य पूरे देश में नजीर बन कर सामने आया है। जिस राज्य, जिले और गांव में अभियान ने दस्तक दी, लोग इस अभियान के साथ जुड़ते गए और आज सभी के प्रयास से बेटी के नाम हो घर की पहचान अभियान ने बेटी को एक खास पहचान देने का काम किया है।
–बेटी को चांद नहीं सूरज जैसा बनाए–
श्री यादव ने बताया कि इस अभियान के पीछे उनकी यह मंशा है कि बेटी को चांद जैसा मत बनाओ कि हर कोई घूर घूर कर देखे किंतु
बेटी को सूरज जैसा बनाओ ताकि घूरने से पहले सबकी नज़र झुक जाए। हम लोग बेटियों के लिये हर तरह अधिक चिंता किया करते हैं लेकिन
आज के इस युग में एक बेटी दस बेटों के तुल्य है।
आप कभी भी अपनी बेटी को बेटा कह सकते हो
लेकिन आप कभी अपने बेटे को बेटी नहीं कह सकते। यही कारण है कि बेटियां आम नहीं, खास होती हैं।
–लाडो अभियान पहुंचा उत्तराखंड–
अभियान के जिला प्रवक्ता एस ब्राह्मणे ने बताया कि लाडो फाउंडेशन का नाम पूरे देश में धीरे-धीरे स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होते जा रहा है “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” जैसे राष्ट्रीय महाअभियान के अंतर्गत पूरे देश में एक क्रांति ज्वाला धीरे-धीरे प्रज्वलित हो रही है। वही क्रांति ज्वाला ज्योत वर्तमान में जिला रुद्रपुर उत्तराखंड पहुंचा। जहां पिता रामचंद्र कवाडकर माता अरुणा कावड़कर की बेटी महिमा के नाम की नेम्पलेट लगाई गई। पूरे देश में नारियों के सम्मान में लाडो फाउंडेशन निश्चित रूप से एक मजबूत इरादों वाला फाउंडेशन है। जिसका एकमात्र लक्ष्य पूरे देश में बेटियों के मान सम्मान और अभिमान के लिए उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए कार्य करते रहना है।