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मानसून की दस्तक, 7 संभाग सहित 8 जिलों में बारिश का अलर्ट, पश्चिमी विक्षोभ का भी दिखेगा असर

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मध्यप्रदेश के वातावरण में नमी घुलने के साथ ही गुरुवार और शुक्रवार को सागर रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिले में तेज बारिश की संभावना जताई गई है।
भोपाल। मध्य प्रदेश (MP) और मध्य भारत की जनता को गर्मी से राहत मिल रही है। मध्य प्रदेश में लगातार मौसम (MP weather) बदल रहा है। दरअसल दक्षिण पश्चिम मानसून (south west monsoon) के मध्य प्रदेश सीमा पर पहुंचने की जानकारी सामने आई है। हालांकि राजधानी में मानसून के पहुंचने में अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। वही 16 जून को बैतूल और खंडवा में मानसून का प्रवेश देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही प्रदेश के कई इलाकों में गरज चमक के साथ साथ फुहारें बरसने का सिलसिला शुरू हो गया है।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मध्य प्रदेश में इस मानसून गरज चमक के साथ अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है। भोपाल नर्मदापुरम जबलपुर सागर शहडोल रीवा संभाग में अच्छी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी भी देखने को मिल रही है। मध्य प्रदेश में मानसून के प्रवेश की संभावित तारीख 16 जून रखी गई थी। हालांकि राजधानी भोपाल में मानसून के पहुंचने के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 20 से 22 जून को राजधानी भोपाल में मानसून की एंट्री देखने को मिलेगी गुरुवार को मानसून खंडवा और बैतूल जिले में प्रवेश कर लिया है। इसके साथ ही अब इन जिलों में तेज बौछार पड़ने की संभावना जताई गई है।
वही तीन पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने की वजह से भी मध्यप्रदेश में भारी बारिश का असर देखने को मिल सकता है। दरअसल एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर पर बना हुआ है। इसके अलावा अफगानिस्तान के आसपास भी एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ मौजूद है। जिसका असर उत्तर भारत के बिहार से होते हुए असम तक इसकी ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश में बारिश की चेतावनी दे रही है।
बता दें कि इससे पहले 2011 में 17 जून को मानसून का प्रवेश देखने को मिला था जबकि 2012 में मानसून का प्रवेश 19 जून को हुआ था। 2013 में मानसून का प्रवेश 10 जून को देखने को मिला था। वहीं 2014 की बात करें तो 19 जून को मानसून की एंट्री प्रदेश में हुई थी। 2015 में 14 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री देखने को मिली थी जबकि 2016 में 19 जून को मानसून मध्यप्रदेश में एंट्री ले चुका था।
2017 में 22 जून को मानसून की एंट्री हुई थी जबकि 2018 में 24 जून को काफी देर से मानसून का प्रवेश मध्यप्रदेश में देखने को मिला था। हालांकि 2019 में 24 जून को मानसून का प्रवेश हुआ था। 2020 में 15 जून को मानसून की एंट्री हुई थी। वहीं मध्यप्रदेश में 2021 में 11 जून को मानसून देखने को मिला था। अब 2022 में 16 जून को मानसून का प्रवेश बताया जा रहा है। हालांकि राजधानी भोपाल में मानसून के प्रवेश में समय लगेंगे।
मध्यप्रदेश के वातावरण में नमी घुलने के साथ ही गुरुवार और शुक्रवार को सागर रीवा जबलपुर शहडोल संभाग के जिले में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। इससे पहले खंडवा मंडला सतना छिंदवाड़ा सिवनी उमरिया रीवा जबलपुर और खजुराहो में भी बारिश का अलर्ट देखने को मिला था।
इन जिलों में बारिश और गरज चमक के साथ बौछार पड़ने की संभावना
सागर, जबलपुर संभाग सहित रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल संभाग में कहीं कहीं गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई। इसके अलावा भोपाल इंदौर और उज्जैन संभाग में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया।
गरज चमक के साथ मध्यम और भारी बारिश से सही तेज हवा चलने की संभावना
उमरिया डिंडोरी कटनी जबलपुर पन्ना दमोह सागर रोड छतरपुर जिले में कहीं-कहीं घर चमक के साथ भारी बारिश और तेज हवा चलने की संभावना जताई गई है। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
वही गरज के साथ बिजली चमकने गिरने सहित अल्पकालीन तेज हवा की संभावना
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर चंबल संभाग के जिले सहित अनूपपुर, शहडोल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, टीकमगढ़, निवाड़ी जिले में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।