धर्म बदलने वालों को अनुसूचित जनजाति से हटाया जाए
योगेश चौरसिया मंडला
मंडला-मंडला में राज्यसभा सांसद सम्पतिया उईके एवं जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉक्टर राजकुमार साहदा की देख रेख में डिलिस्टिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में सभी राजनैतिक पार्टियों के नेतागण एक ही मंच पर दिखे। वही जनजाति मंच के नेताओ ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि जिन लोगो ने अनुसूचित जनजाति को छोड़ कर धर्मांतरण कर लिया है।
लेकिन उसके बाउजूद बो लोग अनुसूचित जनजाति का भरपूर फायदा उठा रहे है लेकिन हमारा अनुसूचित जनजाति समाज चाहता है कि ऐसे लोगो को हमारी जनजाति से अलग किया जाए क्योंकि इनकी वजह से हमारे भाई बहनों को आरक्षण का लाभ नही मिल पाता। क्योंकि ये 10 प्रतिशत धर्मांतरण लोग हमारे आरक्षण और सुविधाओं का 80 प्रतिशत लाभ उठा रहे है। साथ ही कहा बीते 50 वर्षो से यह खेल चला आरहा है लेकिन अब यह खेल नही चलेगा हम इस अपनी लड़ाई को ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक लेकर जाएंगे।
तथा डीलिस्टिंग से तात्पर्य यह है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग जिनका धर्म परिवर्तन कतिपय विधर्मी लोग लालच देकर या अन्य प्रलोभन से करते हैं। ऐसे लोग जो अपना धर्म त्याग कर दूसरा धर्म अपना लेते हैं और फिर वे अल्पसंख्यक के साथ अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण का दोहरा लाभ लेते हैं। ऐसे लोगों को डीलिस्टिंग यानी अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर कर दिया जाए तो इससे योग्य अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को मिलने वाले आरक्षण सहित अन्य संवैधानिक अधिकारों का नुकसान नहीं होगा।
संम्पतिया उईके- राज्यसभा सांसद